देश की माटी | Kahani Desh ki Mati

अभी रमेश को 15 दिन भी नहीं आए हुए थे पता चला उसकी मां को लकवा मार गया है । वह बहुत चाहता था...

जिंदगी की कहानी | Ghazal Zindagi ki Kahani

जिंदगी की कहानी ( Zindagi ki Kahani )   कहूँ किस तरह जिंदगी की कहानी घिरी दर्द में ही रही जिंदगानी कभी अपने तो गैरों ने भी रुलाया भरा...

प्रेयसी सी लगती मधुशाला

प्रेयसी सी लगती मधुशाला   दुःख कष्ट पीड़ा संग, परम मैत्री अनुभूति । असफलता बिंदु पर , नवल प्रेरणा ज्योति । सघन तिमिर हरण कर , फैलाती अंतर उजाला । प्रेयसी सी...

इंसानियत की राह पर | Insaniyat ki Raah Par

इंसानियत की राह पर ( Insaniyat ki Raah Par )   इंसानियत की राह पर इंसान जब चलने लगेगा ! हृदय में तम से घिरा जो नूर है स्वयं...

पहली मुलाकात | Ghazal Pehli Mulaqat

पहली मुलाकात ( Pehli Mulaqat )   धीरे-धीरे वो घूँघट उठाने लगे । धड़कनें मेरे दिल की बढ़ाने लगे ।। १ आ गई रात वो जब मुलाकात की। देखते...

साथ लम्हों का मिल जाए | Saath Lamhon ka

साथ लम्हों का मिल जाए ( Saath lamhon ka mil jaye )साथ लम्हों का मिल जाए। चेहरा मेरा भी खिल जाए। मिल जाएगा चैन मुझे भी। मस्त बहारें...

खाली था दिल का जाम | Ghazal Khali tha Dil ka...

खाली था दिल का जाम ( Khali tha Dil ka Jaam )   रंगीनिये -हयात के मंज़र से भर गई बस इक नज़र मिली थी कि दिल में...

तेरी दहलीज पर पापा | Teri Dehleez Par Papa

तेरी दहलीज पर पापा   तेरी दहलीज पर पापा दो दिन का ठिकाना है।इसी में हंस लूँ,मुस्कुरा लूँ, यही विधि और विधान है।जिसने प्रेम से पाला पोसा वही हमारी...

जिन्हें ज़िन्दगी हम बनाने लगे थे | Ghazal Jinhen Zindagi

जिन्हें ज़िन्दगी हम बनाने लगे थे ( Jinhen zindagi hum banane lage the )   वो ख्वाबों की दुनिया सजाने लगे थे हमें देखने आने जाने लगे...

वही खत वही दीवानगी चाहिए

वही खत वही दीवानगी चाहिए वही खत वही दीवानगी चाहिए दोस्त बचपन का वह सादगी भरी जिंदगानी चाहिए खेल सकुं गुल्ली डंडा, छुपन छुपाई, गुड्डे गुड़ियों के...