Monthly Archives: June 2021
माँ | Maa par ek kavita
माँ
( Maa par ek kavita )
माँ तेरी ममता की छाया,
पली बढ़ी और युवा हुई,
निखर कर बनी सुहागन,
माँ बनकर,पाया तेरी काया।।
अब जानी माँ क्या होती?
सुख-दुःख...
आषाढ़ के बादल | Kavita
आषाढ़ के बादल
( Ashadh ke baadal )उमड़ घुमड़ कर आ गए आषाढ़ के बादल
अंबर में घिर छा गए आषाढ़ के बादल
रिमझिम मूसलाधार बरसता घनघोर...
जिंदगी रोज़ ग़म ने ही सतायी ख़ूब है | Ghazal
जिंदगी रोज़ ग़म ने ही सतायी ख़ूब है
( Zindagi roz gham ne hi satayi khoob hai )
जिंदगी रोज़ ग़म ने ही सतायी ख़ूब है!
हाँ...
मैं फिर आऊँगा | Kavita Main Phir Aunga
मैं फिर आऊँगा
( Main phir aunga )
सुनो..तुम याद रखना
मैं फिर आऊँगा
टूटा हुआ विश्वास लौटाने
टूटी हुई उम्मीद पाने को
अपने बीच पड़ चुकी
अविश्वास और नाउम्मीदी
की गाँठ...
उजाले मिट नहीं सकते | Kavita
उजाले मिट नहीं सकते
( Ujale mit nahin sakte )
हटा लो दीप द्वारे से, उजाले ये नही करते।
जला लो मन में दीपों को,उजाले मिट नही...
पहचान | Kavita
पहचान
( Pehchan )
प्रेम के मोती लुटाओ प्रतिभा कोई दिखाओ
पहचान जग में कोई नई बनाईए
सफलता मिल सके पर्वत भी हिंल सके
जंग भरी दुनिया में हौसला ...
पहली बारिश | Kavita
पहली बारिश
( Pehli Baarish )
बचपन की यादों को समेट रही हूं
पहली बारिश की यादे सहेज रही हूं
बारिश का पानी
सखी सहेली
कागज की नाव
छपाक सी मस्ती
बेफिक्र...
कुछ अनकही बातें | Kuch Ankahee Baatein
कुछ अनकही बातें
(Kuch Ankahee Baatein )
कुछ अनकही बातें, कुछ पुरानी यादें
कहां से आती हैं कहां चली जाती हैं
कुछ नही समझ आता क्या होता हैं
कभी...
बहुत समझाया बहुत मनाया | Suneet Sood Grover Shayari
बहुत समझाया, बहुत मनाया
( Bahot Samjhaya Bahot Manaya )
बहुत समझाया, बहुत मनाया
डराया भी ,धमकाया भी
वक़्त की नज़ाकत समझो
फासलों को नजदीकियां…पर वे तो ऐसे थे...
पानी थोड़ा कम है | Poem Pani Thoda Kam hai
पानी थोड़ा कम है
( Pani thoda kam hai )
उम्मीदों के भरे कलश में,
पानी थोड़ा कम है।
भरते भरते जीवन बीता,
फिर भी थोड़ा कम है।
पाने की ...