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संजीवनी संस्था ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रदांजलि दी

जांगिड अस्पताल परिसर में सामाजिक साहित्यिक संस्था संजीवनी के सौजन्य से स्वर कोकिला लता मंगेशकर को उनकी फोटो पर माल्यार्पण कर श्रदांजलि दी गई।इस...

तुम हवा पर गीत लिख दो | Geet Likh do

तुम हवा पर गीत लिख दो ( Tum Hawa par Geet Likh do )   तुम हवा पर गीत लिख दो, मैं बसंत हो जाऊंगा। फूल बनकर खिल...

न जाने क्यूॅं | Na Jane Kyon

न जाने क्यूॅं? ( Na Jane Kyon )  आज भी जब निकलता हूॅं ब्राह्मणों की गली में तो अनायास ही खड़े हो जाते हैं कान चौकस मुद्रा में और चारों ओर...

निवातिया के हाइकु | Nivatiya ke Haiku

निवातिया के हाइकु ( Nivatiya ke haiku )   दरख़्त झुके, हिम अगवानी में, पवन रुके !!* हिम चादर, तानकर है लेटा, पार्क में बेंच !! * सर्दी का भूत, हिम राहों पे घूमें, बनके...

बोलेंगे | Bolenge

बोलेंगे ( Bolenge ) रोज़ हम इंकलाब बोलेंगे ? रोज़ ही बेहिसाब बोलेंगे ख़ूबसूरत बड़ी फ़बन इसकी देश अपना गुलाब बोलेंगे रोशनी प्यार की ही देता है देश को आफ़ताब बोलेंगे ये...

लुगदी साहित्य के जन्मदाता | आबिद रिज़वी

आबिद रिज़वी जीवनी  सच्चा और अच्छा लेखन वही होता है जो आजीवन शिष्य की भांति जिज्ञासु बना रहता है जहां व्यक्ति के लगने लगे कि...

परिणय जीवन का बसंत | Parinay Jeevan

परिणय जीवन का बसंत ( Parinay jeevan ka basant )   दिव्य भव्य श्रृंगार बेला, प्रतिपल नेह अनंत वृष्टि । कांतिमय अंग प्रत्यंग , अति आनंद परिपूर्ण सुदृष्टि । उर तरंग...

मन को भाता है कम्प्यूटर | बाल कविता

मन को भाता है कम्प्यूटर (बाल कविता) कम्प्यूटर एक अनोखी चीज़, छोटे-बड़े सभी का अजीज़। घर, बिजनिस, स्कूल और दफ्तर, काम चले न बिना कंप्यूटर। काम सभी ये झटपट...

बिन तुम्हारे | Bin Tumhare

बिन तुम्हारे ( Bin Tumhare )    सुनो मेरी कितनी शामें तन्हा निकल गई, बिन तुम्हारे कितने जाम बिखर गए सर्दी में ,बिन तुम्हारे लिहाफ भी अब तल्ख लगने...

महत्व | Mahatva

महत्व ( Mahatva )    गलतियाँरोज नहीं रोज नहीं होती दोबारा की मानसिकता और बार-बार की मूर्खता कहलाती है जो बदल देती है जीवन का मानचित्र और आदमी उसी में स्वयं...