ध्यान आपका ही धरता हूं | Kavita Dhyan Aapka hi Dharta...

ध्यान आपका ही धरता हूं ( Dhyan aapka hi dharta hoon )    मैं हर जगह बस छवि आपकी, नैनों में देखा करता हूं। तारणहारा तुम हो भगवान, ध्यान आपका...

फिर उसी कांधे पर सिर | Kavita Phir usi Kandhe par

फिर उसी कांधे पर सिर ( Phir usi kandhe par seer )   बचपन में मां के आंचल में सिर देकर सो जाते थे। मीठी मीठी लोरियां सुनकर...

मेरे खुदा | Poem Mere Khuda

मेरे खुदा ( Mere Khuda )    सुन मेरे खुदा सुन मेरे मौला मेरे परवर दिगार। सारी दुनिया के रखवाले सारे जग के करतार। दीनबंधु दुखहर्ता हे भक्तों...

पर्दे के पीछे | Kavita Parde ke Peechey

पर्दे के पीछे ( Parde ke peechey )   रंगमंच है ये सारी दुनिया पर्दे के पीछे क्या होता। दिखता है वो बिकता है मंचों पर अभिनय होता। भांति...

विरह | Poem in Hindi on Virah

विरह ( Virah )    नयन सुख ले लेने दो प्रियतम तुम जाने से पहले। अधर रस पान करा दो सूरज उग जाने से पहले। सुबह से वही दोपहरी...

भ्रमित इंसान | Kavita Bhramit Insaan

भ्रमित इंसान ( Bhramit insaan )    जाने किस वहम में खोया क्या-क्या भ्रम पाले बैठा है। जाने किस चक्कर में वो औरों के छीनें निवाले बैठा है। भाति...

मोहब्बत नाजुक सा एहसास | Kavita Mohabbat

मोहब्बत नाजुक सा एहसास ( Mohabbat nazuk sa ehsaas )    मोहब्बत नाजुक सा एहसास बेपनाह इश्क है ये मेरे यार दर्द भरी दास्तां कह दो या दिलों का उमड़ता...

पीक चित्रकार | Kavita Pik Chitrakar

पीक चित्रकार ( Pik chitrakar )   कुछ सीढ़ियाँ चढ़नें के बाद मुँह में जमा जर्दा व गुटखे का मिश्रित पीक बेचैन हो उठता है एक कोनें को देखकर जो कभी हुआ करता था साफ...

नवदुर्गा पर कविता | Maa Durga Kavita

नवदुर्गा पर कविता ( Navdurga par kavita )   मां मुझको तू शक्ति दे दे जीवन के तू दुख हर लेजुड़ा रहे तुझसे यह नाता इतनी मेरी बिनती सुन...

जवानी का जोश | Kavita Jawani ka Josh

जवानी का जोश ( Jawani ka josh )    ये तरुणाई ये भरी जवानी चार दिन की चांदनी। ये रुसवाई ये बेवफाई मन गांठ कभी ना बांधनी। समरसता की...