बाइज्जत बरी | Kavita Baijjat Bari
बाइज्जत बरी !
( Baijjat bari )बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में,
सीबीआई की विशेष अदालत ने-
फैसला दिया है;
सभी 32 आरोपियों को बरी किया है।
आडवाणी , जोशी...
ठंड का कहर | Thand par Kavita
ठंड का कहर
( Thand ka kahar )
देखो ठंड ढा रही है कहर सर्दी की।
चीर रही तन को शीत-लहर सर्दी की।।
कभी ऐसा बेरहम मौसम नहीं ...
बरखा | Barakha par Kavita
बरखा
( Barakha )
छम-छम करती आ पहुंची, फुहार बरखा की।
कितनी प्यारी लगती है, झंकार बरखा की।।
हल्की-फुल्की धूप के मंजर थे यहां कल तलक।
टपा-टप पङी बूंदे...
मृत्युबोध | Mrityu Bodh par Kavita
मृत्युबोध
( Mrityu Bodh )
कुछ धुंवा से द्वंद मंडराने लगे हैं।
मृत्यु तत्व महत्व समझाने लगे हैं।।
ऐषणाओं से सने, जीवन से मुक्ति,
बन मुमुक्षु अन्यथा, है मृत्यु...
शान तिरंगे की | Tiranga par kavita
शान तिरंगे की
( Shaan tiranga ki )
सबसे ऊंची आज जगत् में
शान तिरंगे की ।
वर्षों बाद लौटी है
पहचान तिरंगे की।।
अब बीच खङी ये
नफ़रत की दीवार...
15 अगस्त (कविता) | Hindi poem 15 August
15 अगस्त (कविता)
( Poem 15 August )
आज 15 अगस्त है।
उत्साह जबरदस्त है।।
आओ यशोगान करें
ऊंची इसकी शान करें।
देशप्रेम पर कुछ कहने का
आज सही वक्त है।।
गौरवशाली...
संसार | Sansar par Kavita
संसार
( Sansar ) ईश्वर तेरे संसार का बदल रहा है रूप-रंग,
देख सब हैं चकित और दंग।
क्षीण हो रहा है वनों का आकार,
जीवों में भी दिख...
स्वर्ग-नर्क | Poem in Hindi on Swarg narak
स्वर्ग- नर्क
( Swarg - Narak )
स्वर्ग है या नर्क है कुछ और है ये।
तूं बाहर मत देख तेरे ठौर है ये।।
तेरे मन की हो...
ग़र ना होती मातृभाषा | Matribhasha Diwas Par Kavita
ग़र ना होती मातृभाषा
( Gar na hoti matribhasha )
सोचो सब-कुछ कैसा होता,
ग़र ना होती मातृभाषा ।।
सब अज्ञानी होकर जीते
जग-जीवन का बौझा ढोते,
किसी विषय को ...